दोस्तों जनजाति पूरी दुनिया के अभिन्न अंग है. आज हम विकसित ,विकासशील, समाज के सदस्य है, अतीत में हम सब जनजाति समाज के अंग थे. यू तो पूरी दुनिया में जनजाति समाज का आस्तित्व पाया जाता है .
आज इनके विस्थापित होने से इनकी परेशानी बढ़ गयी है. पुरे संसार के लोगो का दायित्व है, कि इनको संकट से उबारे . हम सब जनजाति समाज के रीति रिवाजो का सम्मान करे.
इस समाज के लोग अधिकांशतया जंगल में रहते है ,जंगल पर भोजन के लिए ये लोग निर्भर रहते है .
एशिया , अफ्रीका, साऊथ अमेरिका, ऑस्टेलिया में ही अधिकांश जन जाती पायी जाती है.
अनेक जनजाति पर भोजन का संकटछाया हुआ है .
अनेक देशों ने इनके विकास पर ध्यान दिया है,लेकिन कई देशों में इनका रख -रखाव उचित तरीके से नहीं हो रहा है . हम सब को इस पर ध्यान देना होगा.
जनजाति समाज का भोजन , खान पान, वेश भूसा, पुरे धरती पर एक अंदाज और कैतूहल पैदा करता है. जो हमें अतीत की याद दिलाता है. यह हम सब के लिए प्रेरणा का काम करता है.
जैसे एक बगीचे में कई फूल होते है, वैसे ही जनजाति हमारे समाज में जिज्ञासा पैदा करते है. इनकी देख भाल करके हम अपने अतीत की देखभाल करते है.
हम कृषक समाज के बिना उद्योग आधारित समाज की कल्पना नहीं कर सकते है .
जनजाति समाज वैश्विक समाज के आधार है. हम इनका शोषण रोके ,इन पर अत्याचार न करे , यही मानवता की सच्ची देख भाल होगी .
पुरे संसार में जनजाति समाज जहाँ भी हो उनकी देख भाल की जाय .
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