दोस्तों मानव जीवन क्या है इस पर सदियों से शोध चल रहा है. मानव जीवन का मूल उद्देश्य क्या है अभी तक ज्ञात नहीं हो पाया है. लगभग सभी विद्वान् की राय अलग अलग है किसी मत पर सभी विद्वान् राजी नहीं है. अभी तक ज्ञात शोध से अधिकांश विद्वान् इस वात को मानते है कि मानव सेवा ही सबसे बड़ा लक्ष्य है. कुछ विचारक इसे सही नहीं मानते है.
दोस्तों मै यहाँ पर कुछ अपना विचार रख रहा हूँ.दोस्तों इस धरती पर मानव ही सबसे बुद्धिमान प्राणी है, अन्य किसी जीव के गोल की वात नहीं किया जा सकता है.
क्योंकि अन्य जीव में मानव के समान चेतना नहीं पायी जाती है. चेतना और विवेक मानव को अन्य जीव से अलग करता है.
परिवार की सेवा —प्राचीन काल से लेकर आज आधुनिक सामाजिक व्यवस्था तक परिवार एक रचनात्मक भूमिका में रहा है. हमारा यह कर्तब्य होना चाहिये कि परिवार के लिये सकारात्मक भूमिका अदा करें. परिवार की यदि आर्थिक स्थित वेहतर नहीं है तो पहले उसको सुधारे. परिवार के प्रति आप का जो दायित्व है उसको उचित तरीके से निभाये. आप का जन्म दुनिया के किसी कोने में हुआ हो. आप अपने देश के सामान्य नियमों के तहत अपने परिवार का भरण पोसण करें.
देश की सेवा ——-समाज और देश एक दूसरे से जुड़े है. अगर हमारा परिवार मजबूत होगा, तो हमारा समाज मजबूत होगा. हमारी सामाजिक संरचना मजबूत होगी तो हमारा देश मजबूत और खुशहाल होगा. 1945ई के बाद दुनिया में कई नये देशों का जन्म हुआ. कमजोर सामाजिक संरचना के कारण कई देशों का विखराव हुआ. हम जिस भी देश के नागरिक हो वहां के परम्परा एवं कानून का पालन करें. अपने देश का सम्मान करें. देश के सकारात्मक विकास में योगदान दे. कुछ देशों को यदि हम छोड़ दे तो पूरी दुनिया में सामान्य प्रशासन चल रहा है, हर देश अपने नागरिकों को उनका कार्य करने में सहयोग कर रहे है.
विश्व मानवता की सेवा ——हम सब जानते है कि अभी तक मानव का मूल लक्ष्य क्या है यह ज्ञात नहीं है. हम अपने मन में मानवीय मूल्यों के प्रति आदर रखें उनका सम्मान करें. खुद के देश में घूमने आये मेहमानों का सम्मान करें. जब भी कभी हम विदेश में जाय तो वहां के नियमों का पालन करें. यदि हम सब मिलकर अपने परिवार, समाज, देश को सुन्दर बनाये. सामान्य मानवीय मन में मानवतावादी विचारधारा विकसित करें. मेरा विचार है की अधिकांश समस्या इसी से ही समाप्त हो जायेगी.
कोई इंसान पद पाना चाहता है. कोई राजनितज्ञ बनना चाहता है. कोई व्यवसाय. कोई केवल मस्ती को ही जीवन समझता है. इन सभी में सच के करीब सत्य क्या है अभी ज्ञात नहीं है.
हम सभी सामान्य मानवता का ख्याल करें. रचनात्मक कार्य करें, अभी के लिये यही सही होगा.
दोस्तों कमेन्ट और शेयर जरूर करें. थैंक्स.