बाजारवाद क्या है —- बस्तुओं का क्रय बिक्रय ही बाजारवाद है. आधुनिक बाजार व्यवस्था में मुद्रा के माध्यम से बस्तुओं का क्रय बिक्रय होता है .
आज पूरी दुनिया में बाजारवाद लोगों के मन को प्रभावित करता है. आधुनिक जीवन बहुत जटिल हो गया है.
हम सब बहुत ऐसी बस्तुओं को खरीद लेते है, जिन्हे हमको जरूरत भी नहीं होती है .हम यह सब बाजारवाद के दबाव में करते है .बाजारवाद हर घर परिवार में अपनी जड़े जमा चुका है. आधुनिक जीवन शैली में बड़ा बदलाव बाजारवाद के कारण संभव हुआ है.
आज के परिवेश में हमें सोच विचार कर चलना होगा .
हम वही बस्तु को खरीदे जिसकी हमें जरुरत हो .गैर जरुरी खरीदारी से बचें.
आज पूरी दुनिया में बड़े माल संस्कृति का बोल बाला है,बदलते समय में यह गलत भी नहीं है. हम जिस तेजी से आगे बढ़ रहे है, उन परिस्थितियों ऐसे विकास स्वाभाविक है .हमें इन व्यवस्था से ताल मेल बना कर चलना होगा. जीवन को सहज ले ,सकारात्मक सोचे, और जीवन में अपने पेशा को ईमानदारी से निभाए.
फिर देखें जीवन कितना आसान हो जायेगा. जीवन में हमारे लिए सबसे बेहतर क्या है, यह हमी ही जान सकते है.
जीवन में आते हुए हर विपत्ति का डटकर सामना करे . जीना इसी का नाम है.
दोस्तों कमेन्ट और शेयर जरूर करे .थैंक्स.
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