दोस्तों आज हम बात करेंगे मन की योजना के दिशा निर्देश पर.
दोस्तों मन में अनेक तरह की कल्पना का जन्म होता है. हमें यह जानना चाहिए कि यथार्थ एवं कल्पना में अंतर होता है. आज जो हमारी सोच होती है वही आगे चल कर यथार्थ बनता है .
अगर हम विचार करें की वह मानव जो पहली बार नाव की कल्पना किया होगा, कितना कठिन रहा होगा .आज 2019में हम आधुनिक जहाज का रूप देख रहे है , यह सब मानव के बेहतरीन कल्पना का ही परिणाम है.
एक बार मानव मन जब सकारात्मक योजना बना लेता है, तो उसे मूर्तिरूप देता है . यही मन की सक्ति है .
मन जब सकारात्मक सोचता है तो अच्छा ही होता है .मन जब नकारात्मक सोचता है तो तबाही का जन्म होता है .
इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचे , यह आप में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है.
कहाँ जाता है मन के हारे हार है, मन के जीते जीत.
यह अपने आप में एक दर्शन है जो इंसान को बिपरीत परिस्थितियों में रास्ता दिखता है .
अतीत में देश जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी . देश, समाज, मानव संबंधों, का निर्माण मानव मन ने ही किया है . अनेक प्रकार की संस्था का निर्माण मानव मन ने ही किता है. मानव मन के रचनात्मक सोच की भूमिका उसके व्यक्तित्व पर पड़ता है.
इन सभी विन्दु पर शोध लगातार यूरोप और usa में जारी है. आधुनिक मानवीय विषयों का बेहतरीन अध्धयन यूरोप की धरती पर हुआ .
पूरे संसार को यूरोप द्वारा दिया गया यह अनूठा बरदान है .
आधुनिक तकनीक का का रचनात्मक विकास मानव मन की सबसे अमूल्य धरोहर है. पूरी मानव जाति को इसका ध्यान रखना होगा.
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