यूरोप की देन —-
1-तकनीक का विकास –
यूरोप ने तकनीक को बहुत सहजता से स्वीकार किया. तकनीक का उपयोग समाज के रचनात्मक विकास में किया. जल, जंगल, जमीन, विनिर्माण, सेवा, कम्पनी के रख रखाव, कम्प्यूटर, में तकनीक का बेहतर तरीके से उपयोग कर उसे जन कल्याण कारी बनाया. सबसे सुखद परिस्थिति यह हुई कि नागरिकों ने तकनीक को बहुत सहजता से लिया.
आधुनिक रेल, डाक, तार, वायुयान, जलपोत, युद्धपोत, सड़क निर्माण का आधुनिक पद्धति यूरोप की देन है.
2–आधुनिक विकास मॉडल – पूरे संसार में आधुनिक विकास का मॉडल यूरोप ने दिया. 1789ई में फ्रांसीसी क्रांति में दिया गया नारा स्वंत्रता, समानता, भातृत्व, पूरे संसार में एक रोल मॉडल बना. पूँजीवाद अर्थव्यवस्था एवं कल्याण कारी कार्यक्रम की रूप रेखा यूरोप ने ही पूरी दुनिया को दिया. ऐसा नहीं कि दुनिया में जनकल्याण के मॉडल नहीं थे. पर आधुनिक मॉडल सर्वप्रथम यूरोप में ही उतपन्न हुआ. देश, समाज एवं मानवीय मूल्यों की आधुनिक व्याख्या फ्रांस, जर्मनी की धरती पर हुआ.
रूस ने सर्वप्रथम योजना का मॉडल बनाया इससे पूरी दुनिया ने लाभ उठाया.
3–समाज बनाने में नयी पहल. पूरे यूरोप में जब धर्म का महत्व कम हुआ लोग बैज्ञानिक तरीके से मूल्यांकन करने लगे. तर्क को बुद्धि के मानकों पर कसा जाने लगा, तब एक नये यूरोप का जन्म हुआ.
यूरोप में ग्रेट ब्रिटेन, रूस, जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, आदि देश यूरोप के विकास का इंजन साबित हुए. इन देशों का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ा.
आज के इस भूमंडलीकरण के युग में जब समस्त विश्व एक गांव बन गया है. मानव के जीवन शैली में परिवर्तन होना उचित ही है.
4–मानवीय मूल्यों को बढ़ाने में बड़ा योगदान
ईमानदारी, सत्य, न्याय, संयम, को संसार के हर कोने में सम्मान मिला है. स्त्री शिछा एवं स्वतंत्रता का विचार पूरे संसार में यूरोप ने ही फैलाया. संसदीय प्रणाली, मत विभाजन, की अवधारणा को पूरे विश्व में सम्मान प्राप्त है. यूरोप में विज्ञान, एवं मानवीय विषय का विकास बड़ी घटना है. आज विज्ञान के विचार और सोच पूरे संसार में नयी ऊंचाई को प्राप्त कर रहे है.
आइये हम सब मिलकर मानवतावादी मॉडल पूरे विश्व में फैलाये. जिससे मानव मात्र की समस्या कमजोर हो सके.
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