दोस्तों मानव जीवन इस धरती पर सबसे बेहतर माना जाता है. जीवन का मूल उदेश्य क्या है यह अभी तक ज्ञात नहीं है. लोग आते है चले जाते है. जीवन रूकता नहीं चलता रहता है. प्यारे दोस्तों भारत जैसा देश जहाँ 135करोड़ की आबादी है.
अगर हम यह माने की हमारा जन्म विकसित देश में हुआ है तब हमारे जीवन का क्या उदेश्य होना चाहिए.
मानव जीवन का क्या उदेश्य है इस पर शोध अभी जारी है. विद्वान् इस विन्दु पर अभी कोई सहमति नहीं बना पाए है .
आज के आधुनिक समाज में मानव का जन्म किसी न किसी परिवार में ही होता है .हमारी जिम्मेदारी या कर्तब्य क्या है यह हमें जानना होगा.
गरीब पैदा होना बुरा नहीं गरीब मरना बुरा है. मेरे विचार से सर्वप्रथम इस बदलती सामाजिक व्यवस्था में अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत करना चाहिए .मजबूती का अर्थ कि परिवार के सदस्य सेहत भरी जिन्दगी जी सके .
मान लीजिये यदि प्रकृति ने सब कुछ देख रखा है तो उसका उपयोग रचनात्मक कार्यों के लिए करें. परिश्रमी बन कर उस धन का देख भाल करे .जो लोग समाज में सबसे पीछे है, या जिनकी हालत द्ररिदता पूर्ण है उनके जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करें.
यह धरती सबके रचनात्मक कार्यों से ही बेहतर हो सकती है.
जीवन में हमेशा धैर्य रखे. हम जो भी आर्थिक विकास के लिए कार्य कर रहे है, यह कोई महान कार्य नहीं है, बल्कि यह हम सब का कर्तब्य है . इस प्रक्रिया से ही जीवन में खुशहाली आयेगी.
खुश होना एक मानसिक वृति है. दूसरे शब्दों में यह मन की एक अवस्था है. जब हम अपने दायित्वों को बेहतरीन तरीके से निभाएंगे तब जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ हो जायेगी.
खुशियाँ का पल भी लम्बा नहीं होगा ,इसके लिये फिर रचनात्मक कार्य करते रहना होगा.
खुशी स्थायी नहीं होती है .इसमें बदलाव होता रहता है . एक व्यक्ति कभी खुश तो कभी दुःखी होता रहता है.
दोस्तों कमेन्ट, शेयर लाइक जरूर करें .थैंक्स .
Nice