Violence and society. समाज में हिंसा प्राचीनकाल से पायी जाती है. आदिम समाज में भोजन के लिये संघर्ष होता था. समय बीतने के साथ हिंसा के स्वरूप में भी परिवर्तन हो गया है. दुनिया के अनेक देशों में सत्ता संघर्ष हो रहा है जिसके मूल में लालच एवं नकारात्मक सोच है. घरेलू हिंसा एक देश […]
Month: August 2019
Humanity and society.
Humanity and society. —- आदिकाल से समाज के अस्तित्त्व के विषय में हमें जानकारी मिलती है. जीवन को हमेशा से ही मानवीय मूल्य से जोड़ा गया है. सामाजिक नियमों एवं विधि संहिता बनाने में मूल्यों का बहुत बड़ा योगदान है. मानवीय मूल्य देश काल और परिस्थिति के अनुसार बदलते रहते है . दुनिया के सभी […]
African development and society.
African development and society. —, अफ्रीका महाद्वीप में संसाधन बहुत प्राचुर मात्रा में है. उत्तर में मिस्र तथा दक्षिण में दक्षिण अफ्रीका स्थित है. प्रश्न यह है कि क्यों अफ्रीका महाद्वीप का विकास व्यवस्थित रूप से नहीं हो रहा है. दुनिया बदली समाज बदला संसार के कोने कोने में परिवर्तन हो रहे है. अफ्रीका महाद्वीप […]
Sex selective abortion and society.
Sex selective abortion and society —**– कन्याभ्रूण हत्या मानव समाज के लिये एक कलंक है. यह घटना पूरी दुनिया में पाया जाता है. पूरे संसार में इसको रोकने के लिये अलग अलग कानून है. अनेक देशों में कड़े कानून के बाद भी यह अभी पूरे संसार में जारी है. कन्या भ्रूण हत्या क्या है —महिला […]
Industries and society.
Industries and society. *——- उद्योग मानव समाज की एक आवश्यकता है. प्राचीनकाल में विनिमय का आधार वस्तुएं हुआ करती थी. वाणिज्य का विकास इटली में हुआ. सही सही स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि मुद्रा का विकास कहाँ हुआ. सिंधु सभ्यता से प्राचीन रोमन सभ्यता तक किसी प्रतीक (चिन्ह )से वस्तुओ के खरीदने का […]
Draem city mumbai and society.
Dream city mumbai and society. *– भारत में मुम्बई भारत वासियों के लिये सपनों का शहर है. कहा जाता है कि यहाँ सपने देखे जाते है और पूरे भी होते है. यही मुम्बई जो पहले बम्बई था, आज मुम्बई के नाम से जाना जाता है. भारत के कोने कोने से लोग यहाँ आकर अपने सपने […]
Human target and society.
Human target and society —– मानव में असीमित क्षमता होती है. यह जानकारी हमें मानव द्वारा किये जा रहे रचनात्मक कार्यों से पता चलता है. आज पूरे संसार का जो भी स्वरूप हम देख रहे है वह मानव के संकल्प का ही परिणाम है. इस धरती पर लगभग 6महाद्वीपों में 900करोड़ से अधिक की आबादी […]