Life and society ———-.—– मानव मन में ही संवेदना पायी जाती है. जीवन क्या है इसके विषय में केवल मानव ही जान सकता है. 700करोड़ से अधिक आबादी इस धरती पर है. एक अनुमान के अनुसार केवल 15%लोगों को ही जीवन की सामान्य भौतिक सुख सुबिधा उपलब्ध है. लगभग 500करोड़ लोग मध्यम वर्ग में आते है. शेष सब की हालत बहुत ठीक नहीं है. अकेले भारत में 56करोड़ लोगों का जीवन कष्ट पूर्ण है. कोशिश लगातार की जा रही है. गरीबी को समाप्त करने के लिये पूरी दुनिया को प्रयास करना होगा.
जीवन क्या है यह बहुत जटिल प्रश्न है. इस पर विद्वानों में मतभेद है. चूँकि यह धरती बहुत विशाल है. जलवायु के आधार पर मानव की संवेदना बदलती रहती है. भूगोल का मानव के मन पर बहुत प्रभाव पड़ता है. गंगा के मैदानी भाग में लोगों की चेतना एवं रूस के मास्को में बैठे मानव की चेतना में अंतर हो सकता है. एक तरफ जहाँ मदिरा पीना किसी समाज में उचित नहीं माना जाता है. वहीं यूरोप के अधिकांश देशों में बिना मदिरा पीये लोग जीवित नहीं रह सकते है.
मानव जब जन्म लेता है तो वह हाड़ मांश का एक टुकड़ा होता है. जीवन में धीरे धीरे वह अनुभव से संवेदना सीखता है. बहुत कुछ भौतिक चीजें को वह अनुभव करके सीखता है. इंसान का यह समाजीकरण की प्रक्रिया जन्म से मौत तक चलती रहती है. मानव इस धरती पर किसी सामाजिक व्यवस्था में ही जन्म लेता है. पूरे संसार में इस बात पर बहस छिड़ी हुई है मानव के जीवन का उदेश्य क्या है, परन्तु विचारक अभी भी किसी एक मत पर रजामंद नहीं है शोध का कार्य अभी भी जारी है. अभी तक कई सिद्धांतकार मानव की सेवा को ही मानव के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य समझते है.
जीवन में हमेशा बदलाव होते रहते है. मेरे विचार से अपने ड्यूटी को बेहतरीन ढ़ग से करना ही जीवन का गोल है. बाह्य परिस्थितियां भी मानव मन पर अमिट छाप छोड़ती है. जीवन में साहस के साथ आगे बढ़े. हार होंगी, तड़फना भी पड़ेगा. रोना भी होगा. सभी लोग छोड़ जाएंगे. कुछ रिश्ते भी कमजोर होंगे. आप को बुनियादी जरूरतों के लिये भटकना भी पड़ेगा. आप के जो प्रिय है वह भी आप पर भरोसा छोड़ जाएंगे. आप का परिवार आप को छोड़ देगा. आप बस अपने परिवार पर विश्वास रखें. मेरे विचार से आप का कोई प्रियजन आप को अकेले छोड़ देता है. यह छोड़ना नहीं है हो सकता है उनकी कोई बहुत बड़ी मजबूरी हो. आप गरीब है जरा सोचिये आज जो अमीर है वह भी कभी अपनी बुनियादी जरूरतों के लिये समाज के सबसे कमजोर पायदान पर थे. आर्थिक विकास एक प्रक्रिया है. जो धीरे धीरे ही आगे बढ़ता है. दोस्तों जीवन में परिवार बहुत महत्वपूर्ण है. आप के लिये परिवार एक टॉनिक का कार्य करता है. अपने परिवार में रचनात्मक विचारों को सम्मान दे. जीवन में हार होंगी. जीवन हताशा से भर जायेगा. यह उद्योग आधारित समाज की सबसे बड़ी परेशानी है. कुछ लोग ज्यादा तनाव आने पर बिखर जाते है. कुछ लोग उसका डटकर सामना करते है और निखर जाते है.
अतीत से मानव का मुख्य कार्य रहा है परिवार के लिये भोजन जुटाना. आज भी मानव का मुख्य कार्य यही है और आगे भी रहेगा. परिवार पर भरोसा रखने का अर्थ है जैसे आप के अभिभावक, भाई, जीवन साथी आदि. हो सकता है आप का जीवन साथी से मतभेद हो या फिर आप के सहोदर भाई से वैचारिक मतभेद हो. जीवन में इनकी जरूरत तब पड़ती है जब आप सफल होते है. क्योंकि आप के जीत को बाँटने वाला भी तो चाहिये. इंसान के क्षमता का पता तब चलता है जब वह बिखरने वाला होता है.
मानव जीवन को समाज के विकास से जोड़िये. जो लोग जीवन से घबराते है उन्हें सोनागाछी में दम तोड़ती मानवता को याद रखना चाहिये. जो आप चाहते है हुआ बहुत अच्छा हुआ. जो आप चाहते है नहीं हुआ वह और भी अच्छा हुआ ऐसा हरिबंश राय बच्चन ने कहा है.
आप को अपने जीवन को सकारात्मक लेना होगा. जीवन में नकारात्मक सोच मानव के सृजनात्मक भावना को कमजोर करती है. आप के विचारों एवं क्रिया से हो सकता है कई आप के शुभ चिंतक सहमत नहीं हो. क्योंकि सबके सपने एवं सबके कार्य क्षमता अलग अलग होती है. यदि आप लगन से अपने ड्यूटी करते है दुनिया की कोई भी ताकत आप को बेहतर करने से नहीं रोक सकती है.
धन्यवाद.
Good.