What is Idea————— मानव के जीवन में संवेदना ओं का बहुत बड़ा योगदान होता है। हम जानते हैं कि मानव विवेकशील प्राणी है लेकिन मानव में कई प्रकार की मानवीय कमजोरियां भी पाई जाती हैं। प्रश्न यह है कि विचारों की उत्पत्ति कैसे होती है ?इस संबंध में जितने भी वैज्ञानिक शोध हैं वह अभी बहुत पर्याप्त नहीं है ।जीवन की दिशा और जीवन में उत्पन्न होने वाले विचार को जानने के लिए अभी वैज्ञानिक अध्ययन की बहुत आवश्यकता है ।यदि हम विचारों का गहन विश्लेषण करें तो यह पाते हैं कि संवेदना से ही विचारों की उत्पत्ति होती है आमतौर पर मानव के ब्रेन में प्रतिदिन लगभग 10,000 से अधिक विचारों का समावेश होता है ।हम पाते हैं कि जीवन में बहुत सी कठिनाइयों को सामना करने के लिए हमें वैज्ञानिक तथा व्यवस्थित विचारों की जरूरत पड़ती है ।लेकिन हम यह भी महसूस करते हैं कि तमाम प्रकार के नकारात्मक विचारों की छवि हमारे मन मस्तिष्क पर बैठ जाती है विभिन्न घटनाओं को समझने के लिए हमें बहुत ही सही तरीके से विचारों के बीच में से सकारात्मक विचारों को चुनना पड़ता है ।जीवन में अनेक प्रकार की संभावनाओं से युक्त मानव जीवन लगातार आगे बढ़ रहा है ।मानव जीवन आमतौर पर बहुत ही आसान नहीं होता है जैसा कि हम जानते हैं ।मानव का मूल स्थान यानी उसकी उत्पत्ति स्थली अफ्रीका महाद्वीप है विभिन्न प्रकार की मानवीय जरूरतों के कारण अफ्रीका महाद्वीप से दुनिया के विभिन्न महाद्वीपों में मानव का विस्थापन हुआ ।यह विस्थापन का क्रम आज भी लगातार जारी है ।यदि हम भारत की बात करें तो भारत में तमाम प्रकार के हमारे आई आई टी ,आई आई एम ,पास आउट बंदे यूरोप तथा अमेरिका कनाडा आस्ट्रेलिया जापान के देशों में जाकर के कार्य करते हैं ।यह भी एक आधुनिक विस्थापन है ।यह विस्थापन प्राचीन विस्थापन से थोड़ा अलग अवश्य है लेकिन यह विस्थापन की प्रक्रिया को प्रतिबिंबित करता है ।
जीवन में बहुत ऐसे पल आते हैं जीवन में बहुत ऐसी घटनाओं का निर्माण होता है जिससे हमें यह सोचने का अवसर मिलता है कि आखिर विचार की उत्पत्ति होती कैसे है ?
मानव दिमाग की क्षमता-–———-
इस धरती पर ज्ञान प्राप्त करने के मुख्य रूप से तीन ही साधन है नंबर एक व्यक्ति विभिन्न प्रकार की घटनाओं और भौगोलिक परिस्थितियों को देखकर के ज्ञान प्राप्त करता है ,नंबर दो व्यक्ति अनुभव करके ज्ञान प्राप्त करता है ,नंबर तीन विभिन्न प्रकार के विश्वस्त किताबों के माध्यम से व्यक्त ज्ञान प्राप्त करता है। प्रश्न यह है कि विचारों की उत्पत्ति कैसे होती है? तो विचारों की उत्पत्ति के मूल में संवेदना ही होती है । विचार कुछ नहीं केवल व्यवस्थित संवेदना ओं का एक क्रम है ।जिसमें विभिन्न प्रकार के विचारों का जन्म होता है इन्हीं विचारों को आगे ले जा कर के मानव का जो क्रियाशील मस्तिष्क है वह कार्य करता है ।जीवन में अनेक प्रकार की संवेदनाएं लगातार उपस्थित होती रहती हैं। इन्हीं संवेदना में कुछ संवेदनाएं रचनात्मक होती हैं और कुछ संवेदनाएं ऐसी होती हैं जो दुखद और कष्टकारी होते हैं ।मानव के दिमाग का ढांचा इस प्रकार से है कि वह नकारात्मक और सकारात्मक संवेदना ओं को ग्रहण करने के लिए तत्पर रहता है ।लेकिन वह परिस्थितियां यानी पर्यावरण की प्रतियां विचारों के उत्पन्न होने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं ।
परिस्थितियों में वह अनेक प्रकार के सकारात्मक विचारों को स्वीकार करते हुए जीवन में आगे बढ़ता है ।लेकिन यदि किसी बच्चे या बालक शुरुआती जीवन और परवरिश में कहीं भी नकारात्मक या पारिवारिक हिंसा का तथ्य रहा हो तो ऐसी परिस्थिति में उस बालक के मन मस्तिष्क पर नकारात्मक छवि बनने की प्रबल संभावना बन जाती है ।इन दोनों से निपटने का सबसे उचित मार्ग है एक सामान्य मानवीय जीवन जी रहा है और जो जीना चाहता है दोनों में समन्वय होना चाहिए । कहने का अर्थ है कि तालमेल होना चाहिए ।मैं बहुत ही ईमानदारी से कह रहा हूँ दिमाग सकारात्मक और नकारात्मक उपयोग पर निर्भर करता है ।यानी मानव का विकास एक सकारात्मकता को दर्शाता है ,और इस प्रक्रिया को आमतौर पर विचारों की उत्पत्ति के क्रम से जोड़ा जाता है।
किसी भी देश की सामाजिक संरचना मुख्य रूप से यह साबित करती है कि उस देश की परंपरा और पर्यावरण कैसा है। किसी भी देश की सामाजिक संरचना में वहां की परंपरा वहां पर जीवन जीने की सोच मुख्य भूमिका अदा करता है ।कहने का तात्पर्य है कि प्यारे दोस्तों कोई भी देश है । हम जिस देश विशेष के नागरिक है ,उस देश विशेष के ,विशेष प्रकार के कानून ,परंपराएं ,जीवन जीने के तरीके, विचारों की उत्पत्ति को लेकर के प्रेरणादायक भूमिका अदा करते हैं ।हम सब की कोशिश होनी चाहिए कि रचनात्मक कार्य करते हुए जीवन में लगातार आगे बढ़े । खुद सकारात्मक कार्य करने को प्रेरित करें ।हम जिस देश के निवासी हैं हम जिस देश में रहते हो जिस देश का भोजन खा रहे हो ।उस देश की सामाजिक परिवेश में हमारी जिम्मेदारी है। वहां पर जो भी रचनात्मक हो सकता है उसको करने का प्रयास करें ।दूसरे शब्दों में मैं कहना चाहता हूं वैश्विक स्तर पर आज के दिन काफी बदलाव के लिए हमें बहुत ही कठोर श्रम करना पड़ेगा ,लेकिन इसको हम अन्य देशों से देखने का प्रयास करें। पाते हैं कि रचनात्मक कार्य की उत्पत्ति पूरी संसार में किसी की मदद करना ,किसी की सहायता करना ,या किसी को रास्ता पार कराना। यह दुनिया के किसी कोने में बेहतर माना जाता है ।एक भारतीय हो, चाहे रूसी हो , चाहे अमरीकन हो ,कोई फर्क नहीं पड़ता है। रचनात्मक कार्यों को हर जगह पूरी दुनिया में सम्मान प्राप्त है । प्यारे दोस्तों आज हम यह पोस्ट कर रहे हैं ।आगे की पोस्ट में आप सबके लिए एक रचनात्मक भूमिका में रिसर्च कर रहे हैं, और आपके लिए बहुत बेहतरीन सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हुई मुद्दे ले करके मैं आपके सम्मुख उपस्थित होता रहूंगा ।आप सब का बहुत ही रचनात्मक प्यार मुझको मिल रहा है ।लगातार आप लोगों द्वारा हमारे मेल पर ,हमारे साइट पर विजिट किया जा रहा है ।बहुत ही सकारात्मक है, इसके लिए आप सब को तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद दोस्तों कमेंट लाइक शेयर करना ना भूले ,तहे दिल से धन्यवाद।