who am I———–_______===जीवन की चाल कभी भी सरल नहीं होती हैं।जीवन को हमेशा सरल रूप मे लेना चाहिये। जीवन में मानव की उतपत्ति अफ्रीका महादीप में हुई है।प्रश्न उठता है कि मानव क्या है ? यही आज तक खोज का विषय है । मानव का लगातार विस्थापन हो रहा है ।आज पूरे संसार में जीवन जीने के लिये अनेक भौतिक साधन उपलब्ध है ,फिर भी मानव खुश नही है ।एक इंशान सदैव यह जानने का प्रयास करता है कि उसके जीवन का लक्ष्य क्या है ?और उसे उत्तर नही मिलता है।यही मानव के जीवन का रहस्य है। कई लोग इसे अंहकार से जोड़कर देख लेते है ,पर यह मूलरूप से सत्य नही है ।मानव के जीवन का गोल ही है रचनात्मक कार्यो को पूरा करना।दुष्ट बिहीन समाज की परिकल्पना नहीं करना चाहिए ।
मानव की चेतना —————पूरे संसार में मानव की चेतना समान होती है ,हर इंशान को भूख ,प्यास ,सेक्स की जरूरत होती है।मानव की यह आवश्यकता सारे दुनिया में एकसमान पायी जाती है। दुनिया के किसी कोने में मानव के जन्म लेने के तरीके ,मौत के तरीके एक समान है ।इस धरती पर मानव के जीवन जीने के तरीके अलग अलग हो सकते है ,लेकिन मानव को प्राकृतिक तरीके से जीने का अधिकार पूरे विश्व में लगभग बराबर है।आज जो हम आर्थिक विषमता देख रहे है ठीक आज के 1000वर्ष पहले नही थी।मुद्रा के विकास और शासन पद्धति के बदलाव से आज का सामाजिक संरचना का निर्माण हुआ ।
मानव क्या है ? मानव हाड़, मांस का एक पुतला है जो आज भी अपने परिवार के भोजन के लिए दर दर भटक रहा है ।अतीत काल में मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य परिवार के लिए भोजन जुटाना था ,आज भी यही उद्देश्य है । भविष्य में भी मानव का मुख्य कार्य परिवार के लिए भोजन जुटाना ही रहेगा ,प्यारे दोस्तों यह मेरा निजी मत है ।आज पूरे संसार में जटिल सामाजिक संरचना का निर्माण हो चुका है।आज की दुनिया तकनीक पर आधारित है ।
मानव और भावना —–
मानव जन्म से ही भावना युक्त होता है। जैसा कि हम सब जानते है कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है । आज के मानव में भावना बहुत तेजी से बदल रही है ।यह सब तकनीक के कारण हो रहा है ।आधुनिक युग में मशीन आधारित सामाजिक व्यवस्था मानव के अंदर भावना को कमजोर किया है ।हमारे पूर्वज एक है ,हमारी धरती एक है ,मानव की भावना एकसमान है,पूरे संसार में जो मूलनैतिक् विचार एक है, आधुनिक युग में वैज्ञानिक शोध से यह साबित हुआ कि मानव की उतपत्ति अफ्रीका महद्दीप में हुई है।इनमें किसी भी तथ्य से हम इनकार नहीं कर सकते है।
बदलाव को स्वीकार करे ——
हम सब मिलकर बदलाव को स्वीकार करे ।जीवन में आने वाली नई चुनौतियों को सहज रूप में गले लगाये।हम वर्तमान विकास की उपेक्षा नहीं कर सकते है।हम दुनिया के किसी देश के नागरिक हो वहाँ की परम्परा कानून का पालन करते हुए जीवन को सकारात्मक ले ।हम जहां भी जीवन जी रहे हो, हो सकता है वहाँ बहुत कुछ हमारे अनुसार नही हो फिर भी धैर्य के साथ अपने जीवन को बेहतर करने का प्रयास करे ।हम सब का जीवन इन्हीं रास्तों पर चलकर बेहतर होगा।
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